
सदाबहार अभिनेत्री आशा पारेख ने सेंसरशिप को जीवन का एक अहम हिस्सा मानते हुए इसकी शुरुआत अपने घर से करने की बात कही। उन्होंने फिल्मों पर की जा रही सेंसरशिप को भी सही ठहराया है। इसमें कोई दो राह नहीं कि सदाबहार अभिनेत्री पारेख मौजूदा अभिनेत्रियों के लिए इंस्परेशन हैं।
इसके अलावा आशा पारेख ने यह भी कहा कि ''जब वो सेंसरशिप की अध्यक्षा थीं तो उन्होंने नियमों का पालन किया। वहीं मौजूदा अध्यक्ष पहलाज निहलानी भी कर रहे होंगे। इसलिए उनका भी विरोध हो रहा होगा।'' हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि आप यह तर्क दोगे कि बाजार में लोग गंदी-गंदी गलियां देते हैं, वही गालियां अगर हम फिल्म में दिखाए तो क्या फर्क पड़ता है। इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने यह सवाल पूछने वालों से पूछा कि क्या वो गालियां आप बाजार से घर भी लेकर आते हैं। नहीं ना। फिर फिल्मों के जरिये गलियां घर तक क्यों लाना चाहते हो।