
दरअसल, विवान शाह, अक्षरा हासन, गुरमीत चौधरी और कविता वर्मा स्टारर इस फ़िल्म को सेंसर बोर्ड ने तो बिना किसी कट के पास कर दिया मगर, कुछ लोगों के ग्रुप ने इसे बैन करने की मांग की है। और वजह यह है कि इस फ़िल्म में मनीष ने एक गर्भवती महिला की शादी के सीन को दर्शाया है।
इस बात से परेशान डायरेक्टर मनीष हरिसिंह ने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखा है और कहा है कि उन्होंने इस फ़िल्म को अपनी ज़िन्दगी के 5 साल दिए है। 3 साल स्क्रिप्टिंग के और 2 साल इसकी शूटिंग के। उन्होंने बताया है कि सेंसर बोर्ड ने इस फ़िल्म को पास कर दिया मगर लोगों की बेबुनियादी सोच की वजह से उनकी फ़िल्म के रिलीज़ होने में परेशानियां आ रही हैं। परेशान होकर उन्होंने यह भी कहा कि वो मर जाना चाहते हैं।
हाल ही में विश्व हिंदू परिषद के कुछ कार्यकर्ता फ़िल्म के प्रोड्यूसर टीपी अग्रवाल के दफ़्तर के सामने भी पहुंचे थे और यहां उन्होंने फ़िल्म के पोस्टर्स पर क्रॉस का निशान बना कर इसे बैन करने की मांग की थी। लाली की शादी में लड्डू दीवाना इस सप्ताह 7 अप्रैल को रिलीज़ होने वाली है।