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पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक रात करीब साढ़े नौ बजे नींद में ही उन्होंने अंतिम सांस ली। ख़्याल, ठुमरी और भजन गायकी में दुनिया भर के संगीत रसिकों के दिलों में बसी किशोरी अमोनकर का वास्ता संगीत के जयपुर अतरौली घराने से रहा। वैसे तो किशोरी अमोनकर ने अपना सारा जीवन शास्त्रीय संगीत के नाम समर्पित किया लेकिन उनकी रूचि फिल्म संगीत में भी थी।
साल 1964 में आई फिल्म गीत गाया 'पत्थरों ने' का टाइटल सॉन्ग उन्होंने गाया था। बाद में 1990 में आई फिल्म दृष्टि में भी उन्होंने गाया था। एक हफ्ते बाद 10 अप्रैल को उनका जन्मदिन है। किशोरी अमोनकर को पद्म भूषण और बाद में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। साल 1985 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
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