'Noor' बनी सेंसर बोर्ड का निशाना, Sonakshi Sinha ने जताई नाराजगी

सोनाक्षी सिन्हा की अपकमिंग फिल्म नूर 21 अप्रैल को रिलीज होगी. इससे पहले सेंसर बोर्ड ने दो शब्दों पर कैंची चला दी.सीबीएफसी को फिल्म में पत्रकार बरखा दत्त के संदर्भ को हटाने की मांग की है. इसके बाद फिल्म में लीड रोल निभाने वाली सोनाक्षी खुलकर इस विषय पर अपनी बात सामने रखी है. इस फिल्म में महिला पत्रकार की भूमिका निभाने वाली सोनाक्षी ने कहा कि सेंसर बोर्ड को फिल्मों के प्रति एक समान दृष्टिकोण रखना चाहिए. सोनाक्षी ‘नूर’ में एक पत्रकार की भूमिका में हैं, जिनका आदर्श बरखा दत्त हैं, लेकिन सीबीएफसी ने निर्माताओं से उनका उपनाम हटाने के लिए कहा है.

पहले भी फिल्म में जर्नलिस्ट बरखा दत्त के नाम के जगह बीप का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई थी.सेंसर बोर्ड ने सोनाक्षी सिन्हा की आने वाली फिल्म नूर से दो शब्दों को हटाने की सलाह दी है. सेंसर बोर्ड ने फिल्म में ‘दलित’ शब्द को हटाने को कहा और ‘सेक्स-टॉय’ की जगह ‘एडल्ट साइट’ शब्द का इस्तेमाल करने की हिदायत दी है.  

अब इस फिल्म में दलित शब्द की जगह म्यूट कर दिया गया है. सेंसर बोर्ड ने फिल्म मेकर्स को दलित समुदाय से जुड़े सभी सीन हटाने को कहा है क्योंकि यह जातिप्रथा के बारे में बात करते हैं. इस फिल्म में सोनाक्षी सिन्हा 'नूर' नाम की एक जर्नलिस्ट का किरदार निभा रही हैं जो मुंबई में रहती है. पहले ट्रेलर में वो कहती हुई दिख रही है कि मेरी जिंदगी बोरिंग है. वो रोमांस और फ्लर्ट करना चाहती हैं लेकिन उन्हें ऐसा मौका नहीं मिलता.

लेकिन दूसरे ट्रेलर वो सच के पीछे भागते हुए दिख रही है. किसी स्कैम (घोटाले) की हकीकत सामने लाने की पुरजोर कोशिश करती हुई नजर आ रही हैं. फिल्म के दूसरे ट्रेलर को देखकर लोगों की उम्मीदें बढ़ी हैं. आगे देखते हैं फिल्म के रिलीज होने तक सेंसर बोर्ड को और क्या-क्या दिक्कतें होती हैं.

सोनाक्षी ने कहा, “सेंसर बोर्ड को अपने भीतर एक सर्वसम्मति बनाने की जरूरत है कि एक फिल्म में क्या सही है.. और दूसरी फिल्म में क्या नहीं सही है.” उन्होंने आगे कहा, “वह क्या सेंसर करते हैं और क्या नहीं करते हैं, इसमें कोई एकरूपता नहीं है, इसलिए मुझे लगता है कि उन्हें पहले एक सर्वसम्मति बनाने की आवश्यकता है.” 


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