
रवीना ने कहा, “यदि हम अपने देश की मौजूदा स्थिति को देखें, चाहे आप किसी भी धर्म के लोगों को देखें, तो धार्मिक कट्टरता गलत है. हम हमेशा से एक धर्मनिरपेक्ष और मजबूत देश में रहते आए हैं और हमें यह निरंतर बनाए रखना चाहिए.” रवीना ने कहा, “यदि दिवाली पर पटाखे नियंत्रित किए जा रहे हैं तो इसको मैं अपना समर्थन देती हूं. लेकिन, इसका मतलब यह नहीं कि मैं सांप्रदायिक हो गई. यह प्रत्येक व्यक्ति की सोच पर निर्भर करता है कि वह क्या सोचता है.”
रवीना ने बॉलीवुड के बारे में कहा, “मैं इस मनोरंजन जगत में जन्मी और पली बढ़ी हूं. मेरे पिता (रवि टंडन) एक फिल्म निर्देशक थे. मैं अपने फिल्म जगत का बेहद सम्मान करती हूं.” उन्होंने कहा, “मैं यह इसलिए नहीं कह रही हूं कि मैं इससे जुड़ी हुई हूं. मैं नहीं सोचती कि भारत में और कोई जगत इतना धर्मनिरपेक्ष है जितना कि मनोरंजन जगत. हम नहीं देखते कि कौन कहां से और किस जाति से आता है. यहां प्रतिभा और परिश्रम की पहचान की जाती है.”