
उन्होंने आगामी फिल्म ‘सोनाटा’ पर ‘टेक्स्ट टू कन्टेक्स्ट’ विषय पर आयोजित एक सत्र में कहा, “भारत एक ऐसा देश है, जो कई शताब्दियां एक साथ जीता है. एक ओर हम बहुत ही सशक्त महिलाओं को देखते हैं, तो दूसरी तरफ महिला भ्रूणहत्या भी हो रही है.. लेकिन जब मैं इस तस्वीर को समग्रता में देखती हूं तो मैं आशावादी हो जाती हूं.”
उन्होंने कहा, “यह बहुत मजबूत नागरिक समाज और लोकतंत्र है, और यह संघर्ष करता हैं और मजबूत होता है और मेरी आशा वहीं से आती है.” शबाना ने महिला आंदोलन पर वैश्विक संवाद में विश्वास जताते हुए कहा कि भारत में भी यह धीरे-धीरे शुरू हो रहा है.