
सोफिया ने वीडियो का केप्शन दिया है, 'इस्लाम औरतों की इज्जत करना सीखाता है. कोई पुरुष अपनी पत्नी को छोड़कर किसी गैर महिला को छू नहीं सकता. इसलिए मुझे इस्लाम पसंद है. लेकिन यह नियम मक्का में लागू नहीं होता. वहां जाकर पुरुष यह नियम भूल जाते हैं. जब मैं पवित्र पत्थर से एक मीटर दूर थी, तब मुझे ऐसे धक्का दिया गया, जिससे मैं सांस भी नहीं ले पा रही थी. मैं बहुत डर गई. जब मैंने पीछे मुड़कर देखा तो मेरा हिजाब मेरे गले में फंस गया. लोगों के धक्के से मेरा दम घुटने लगा और मैंने चिल्लाना शुरू कर दिया.
सोफिया ने आगे बताया कि कैसे कुछ लोगों ने उनकी मदद की. अचानक कुछ अच्छे लोग मेरी मदद के लिए आए. मैं इस घटना से अंदर तक हिल गई हूं. अल्लाह के दर पर भी लोगों को कुरान में लिखी बातें याद नहीं रहती है. अल्लाह मेरे अंदर हैं और वो मुझसे कहते हैं कि अगर लोगों को लगता है कि वो ऐसे ही औरतों की बेइज्जती करते रहेंगे और सिर्फ पवित्र पत्थर छूने से ही जनन्त चले जाएंगे, तो यह उनकी गलतफहमी है.