The Kapil Sharma Show : सुनील ग्रोवर नहीं बल्कि IPL है कारण

सुनील ग्रोवर नहीं बल्कि 'द कपिल शर्मा शो' की गिरती TRP का करण IPL है. कपिल शर्मा के शो को 23 अप्रैल को एक साल पूरे हो रहे हैं। अगर आप ये सोचते हैं कि जहाज में जूता चला कर कपिल शर्मा ने जब सुनील ग्रोवर से 'दुश्मनी' मोल ले ली थी उसके बाद से ही उनके 'द कपिल शर्मा शो' की रेटिंग पर बाबा जी का ठुल्लू लग गया, तो ऐसा नहीं हैं। ये मसाला क्रिकेट यानि आईपीएल का पराक्रम है, जिसने कॉमेडी की तरफ दर्शकों का ध्यान थोड़ा कम कर दिया है लेकिन मुंह पूरी तरह मोड़ा नहीं। बार्क के आंकड़ों के मुताबिक सुनील के एग्जिट से पहले शो 15 नंबर पर था, जबकि एग्जिट के बाद शो 13 वें नंबर पर आ गया है. लेकिन यह एक मार्जिनल ड्राप ही है। 

पिछले कुछ समय से इस तरह की ख़बरें आ रही थीं कि सुनील ग्रोवर का साथ छूट जाने पर कपिल शर्मा के शो पर संकट आया है. टेलीविजन पर दिखने वाले कंटेंट को दर्शकों के नजरिये से मूल्यांकन करने वाली संस्था बीएआरसी (बार्क) के आंकड़ों के मुताबिक कपिल के शो की टीवी व्यूअरशिप सुनील ग्रोवर काण्ड से पहले से ही कम हो गई थी। और सुनील और बाकी कलाकारों के शो छोड़ने के बाद शो की व्यूअरशिप में मार्जिनल फर्क ही आया है लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स में ये खबरें बिना किसी फैक्ट्स के वायरल हो रही हैं कि सुनील की वजह से कपिल के शो को बड़ा नुकसान हुआ है। जबकि इससे जुड़े विशेषज्ञों का भी मानना है कि किसी के शो छोड़ने से शो की व्यूअरशिप पर इतना बड़ा फर्क नहीं आता है। 

इस बारे में जब क्रोम डाटा analytics के CEO पंकज कृष्णा से बातचीत की, तो पंकज ने बताया कि यह सच है कि सोनी टीवी की व्यूवरशिप में कपिल के शो की लांचिंग के बाद 2016 से वाकई बड़ा बदलाव आया है।उस वक़्त सोनी की रैंकिंग 7-8वे जेनर में होती थीं लेकिन शो की लांचिंग के बाद वीकेंड में 1-2 नंबर पर आ गई। पंकज ने बताया कि एक चौंकाने वाली ये बात भी जरूर है कि सुनील की लोकप्रियता जिस तरह से बढ़ी, उसके बाद लगातार दर्शकों का जो टाइम स्पेंड होता था, वह कपिल के शो की ओपनिंग और एंड कपिल ही करते थे. लेकिन इसके बावजूद उस वक़्त भी सुनील के स्क्रीन अपीयरेंस पर दर्शक अधिक टाइम स्पेंड करते थे। 

पंकज कहते हैं कि सच यह है कि जितने प्रतिशत लोग शो देख रहे थे, अब भी उतने ही देख रहे हैं, लेकिन अब लॉयल्टी में फर्क आया है। कहने का मतलब है कि तब लोग एक घंटे पूरा शो देखते थे, तो अब आते-जाते देख रहे हैं। रेटिंग चूंकि इस तरह काउंट होती है कि अगर किसी दर्शक ने एक मिनट तक शो देख लिया था, तो वह रेटिंग का हिस्सा हो जाएगा।

उनके अनुसार कपिल के शो के साथ कुछ दर्शक लॉयल नहीं रहे हैं लेकिन उनका मानना है कि इसकी एक बड़ी वजह आई पी एल भी हो सकती है। ये पहले भी देखा गया है कि आई पी एल के वक़्त फिल्म और टीवी दोनों पर ही फर्क पड़ता है। पंकज ने यह भी बताया कि अगर इस तरह से किसी शो की रेटिंग में ड्राप आता है तो इससे रेवेन्यु पर ओवर ऑल फर्क तो पड़ता है लेकिन इस वक़्त दर्शकों की सिम्पैथी सुनील के साथ है और इसका फ़ायदा सुनील को होगा। लेकिन इसके आधार पर आप यह आश्वस्त होकर यह नहीं कह सकते कि सुनील अगर नया शो लेकर आते हैं तो वह कामयाब हो ही जाएगा।

कपिल पहले भी एंटरप्रोनर थे और उन्होंने शो की टीम बनायीं थी। ऐसे में सुनील कपिल की तरह एक बड़े ब्रांड (ब्रांड endorsment) के लिहाज से बनेंगे या नहीं. यह पूरी तरह से सुनील पर निर्भर करता है। अगर वह शो लेकर आते हैं तो वह अपने किरदार मशहूर गुलाटी को ही लोकप्रिय बनाते हैं या खुद के नाम को।


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