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अपने वीडियो में अक्षय कुमार ने आगे कहा, ”जिस दिन नेशनल अवार्ड की घोषणा हुई थी, उस दिन मैं अपनी मां से बात करते हुए अपने बचपन का एक दिन याद कर रहा था..जिस दिन एक्जाम के रिजल्ट्स आए थे मुझे बेहद ही कम मार्क्स मिले थे..मैं आपसे झूठ नहीं बोलूंगा..मैं उस कक्षा में फेल हो गया था..रिपोर्ट कार्ड लाते हुए मैं ये सोच रहा था कि घर में आज मेरी बहुत कुटाई होने वाली है..उस दिन मेरे पिता ने मुझे पास बिठाया और बड़ी ही शांति से कहा कि बेटा तुम करना क्या चाहते हो..मैंने कहा पापा मेरा खेलकूद में मन लगता है..मैं खिलाड़ी बनना चाहता हूं..उन्होंने कहा ठीक है फिर उसमें ध्यान दो..हम सपोर्ट करेंगे और थोड़ी पढ़ाई पर भी ध्यान दो..आप विश्वास नहीं करेंगे खेलते-खेलते मैंने मार्शल आर्ट शुरू कर दी..मैंने मॉडलिंग शुरू कर दी..मैंने एक्टिंग शुरू कर दी. उस दिन अगर मेरे माता-पिता ने मुझे यह नहीं बताया होता कि मेरी स्ट्रेंथ क्या है तो यह नेशनल अवार्ड मेरे हाथ में नहीं होता.”
एक्शन और कॉमेडी के लिए मशहूर अक्षय कुमार का यह पोस्ट सिर्फ अपने सफर के बारे में नहीं है. अपने चार मिनट और 53 सेंकेंड्स के वीडियो में अक्षय कुमार ने युवाओं के बीच आत्महत्या के चलन पर कई सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि आत्महत्या से पहले यह सोचों की तुम्हारे मां-बाप पर क्या गुजरेगी.
अक्षय कुमार ने कहा, ”युवा पढ़ाई के दवाब में आकर आत्महत्या को अंजाम देते है..मेरा सवाल है कि क्या तुम्हारी जान एक मार्क्सशीट से सस्ती हो गई है.” अपने इस वीडियो में अक्षय कुमार ना सिर्फ युवाओं से सवाल करते हैं बल्कि इसके साथ ही वे माता-पिता को भी संदेश देना चाहते हैं. उन्होंने माता-पिता से सवाल किया कि आपका बच्चा कैसे आपको अपनी स्ट्रेस बताएगा जब आप अपने फोन में आंख गाड़ के बैठे हो और आपका बच्चा भी फेसबुक पर दोस्त ढूंढ़ रहा है.
अपने पोस्ट में अक्षय कुमार ने कहा कि टेंशन कोई भी उसका सॉल्युशन है और वह सॉल्युशन आत्महत्या बिल्कुल नहीं है..किसी भी सूरत में नहीं है.
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