
पहलाज ने यह भी स्पष्ट किया कि एशिया और यूरोप के कई देशों में भारत की तुलना में ज्यादा फिल्मों को ए-सर्टिफिकेट मिलता है. बाहुबली-2 को भारत में हिंसक न मानने की वजह पहलाज हमारे कल्चर में देखते हैं. उनके मुताबिक, हम बचपन से ही पौराणिक कहानियों में राक्षसों का वध करते समय उनका गला काटने की कहानियां सुनते आते हैं. ऐसे में बच्चे बाहुबली-2 में दिखाए सीन आसानी से समझ सकते हैं. ये उन पर बुरा प्रभाव नहीं डालेंगे.
इसी के साथ पहलाज निहलानी सेंसर बोर्ड और फिल्म सर्टिफिकेट से जुड़े विवादों पर अपना दर्द भी बयां कर गए. उनका कहना है कि भारत में सेंसरशिप सही चीज के लिए नहीं है बल्कि यह भावनाओं से जुड़ा मुद्दा है. अगर हम बाहुबली-2 में सर काटने का कोई सीन चॉप कर देते तो लोगों की भावनाएं आहत हो जातीं. अगर हम कोई किस सीन काटते हैं तो हमें पिछड़ी सोच वाला कहा जाता है.
राजामौली की फिल्म की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने बहुत ही शानदार फिल्म का निर्माण किया है। ऐसी फिल्म बनाने के लिए काफी धैर्य की आवश्यकता होती है। प्रभास ने बेहतरीन काम किया है। फिल्म की एक्ट्रेस अनुष्का शेट्टी ने उनका पूरा साथ दिया है। फिल्म की कहानी इन दोनों के इर्द-गिर्द घूमती है और दोनों की परफॉर्मेंस फिल्म की हाईलाइट है।
राजामौली की फिल्म की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने बहुत ही शानदार फिल्म का निर्माण किया है। ऐसी फिल्म बनाने के लिए काफी धैर्य की आवश्यकता होती है। प्रभास ने बेहतरीन काम किया है। फिल्म की एक्ट्रेस अनुष्का शेट्टी ने उनका पूरा साथ दिया है। फिल्म की कहानी इन दोनों के इर्द-गिर्द घूमती है और दोनों की परफॉर्मेंस फिल्म की हाईलाइट है।