
गीता ने कहा, “हम जीत के लिए खेलेंगे. इसमें या तो मैं अपने प्रतिद्वंद्वी को कड़ी प्रतिस्पर्धा दूंगी या जीत हासिल करूंगी.” कि वह स्वयं को सबसे असफल इंसान मानती हैं. राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान गीता ने यह भी कहा कि इस शो के जरिए वह अपने डर को जानेंगी.
दिग्गज पहलवान महावीर फोगाट की बेटी गीता ने 2010 में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीत सुर्खियां बटोरी थीं और उनके तथा उनके पिता के संघर्ष को दर्शाने वाली फिल्म ‘दंगल’ ने सीनेमघरों में धमाल मचाया था. अपने प्रशंसकों की उम्मीदों से दबाव बढ़ने के बारे में गीता ने कहा, “मैं एक पहलवान हूं और पहली बार मैं किसी रोमांचक खेल में हिस्सा लेने जा रही हूं. आप जानते हैं कि मेरा जीवन खेल के अभ्यास और जीत की रणनीति तैयार करने से परिभाषित है. इसलिए, मुझे नहीं पता कि इस शो में मेरा अनुभव कैसा होगा. आशा है कि मैं अपने प्रशंसकों को निराश न करूं.” गीता अपनी पहलवानी को लेकर ही नहीं, बल्कि अपनी सुंदरता को लेकर भी चर्चा में रही हैं. डिजाइनर परिधानों में उन्हें एक अलग ही रूप में देखा गया है. उन्होंने इस बात को भी जाहिर किया है कि उन्हें आईने के सामने खुद को निहारना अच्छा लगता है.
पिछले साल शादी के बंधन में बंधी गीता ने कहा, “मुझे तैयार होना बहुत पसंद है. आपने ‘दंगल’ फिल्म देखी होगी, जिसमें आपने देखा है कि मेरे पिता हमें लड़कियों की तरह तैयार नहीं होने देते थे. मुझे अपने बालों को रंगना, नेलपेंट लगाना और अच्छे कपड़े पहना पसंद था.” अपने डर के बारे में गीता ने कहा, “मुझे किसी चीज से डर नहीं लगता फिर चाहे वो आग हो, पानी हो, ऊंचाई हो या कोई और चीज. एक पहलवान होने के नाते मैं शारीरिक रूप से बेहद मजबूत हूं. इसलिए, मैं खुले दिमाग के साथ इस शो में हिस्सा लूंगी और मैं जानती हूं कि अन्य प्रतिस्पर्धियों को मैं कड़ी टक्कर दूंगी. मैं अपने डर को जानने के लिए ही इस शो का हिस्सा बन रही हूं.”
आगामी भविष्य में किसी अन्य टेलीविजन शो में हिस्सा लेने के बारे में गीता ने कहा, “नहीं. 2020 तक मैं अपने खेल पर ध्यान देना चाहती हूं, ताकि अपने देश के लिए और भी पदक जीत सकूं. मैंने जो भी हासिल किया है अपने खेल कुश्ती के लिए किया है. यह मेरी प्राथमिकता है. मैं इस शो के लिए इसलिए, तैयार हुई क्योंकि यह एक रोमांचक खेल है.”