
फिल्म की कहानी काफी कमजोर सी है. स्क्रीनप्ले बहुत ही ठंडा है जिस पर काम किया जा सकता था. जो बात चेतन भगत की 2 स्टेट्स और 3 इडियट्स जैसी फिल्मों में थी, वो यहां बिल्कुल देखने को नहीं मिलती है. फिल्म के संवाद भी काफी कमजोर है और रोमांस, ड्रामा में भी कुछ खास बात नहीं है. किसी भी रोमांटिक फिल्म को देखते वक्त इंसान उसमें खो जाना चाहता है, लेकिन इस फिल्म के दौरान कुछ ऐसा फील नहीं हो पाता है, जो कि स्क्रीनप्ले की कमी है.
कहानी बांध पाने में असफल है और कौन सा किरदार आखिरकार क्या करना चाह रहा है यह बता पाने में मेकर असमर्थ रहे हैं. फिल्म का गाना 'फिर भी तुमको चाहूंगा' लोगों को याद रह सका है. मोहित सूरी की फिल्मों का सबसे बड़ा इक्का उनका संगीत होता है, जिसे और भी बेहतर किया जा सकता था. फिल्म में अर्जुन कपूर ने बिहारी लड़के का किरदार बखूबी निभाया है. वो किरदार में रमे हुए नजर आते हैं. वहीँ श्रद्धा कपूर ने भी ठीक ठाक काम किया है. विक्रांत मस्सी का काम सहज है और फिल्म के बाकी कलाकारों ने भी अच्छा काम किया है. साथ ही फिल्म की लोकेशंस बढ़िया है. दर्शकों को दिल्ली के साथ-साथ न्यूयॉर्क भी फिल्म में देखने को मिलेगा. विजुअल के हिसाब से फिल्म अच्छी है और साथ ही बैकग्राउंड स्कोर भी कमाल का है.
फिल्म की लागत लगभग 35 करोड़ बताई जा रही है और खबरों के मुताबिक इसके डिजिटल, सैटेलाइट और ओवरसीज राइट्स पहले ही बेचे जा चुके हैं. अब देखना काफी अहम होगा कि यह फिल्म कितने स्क्रीन्स में रिलीज की जाएगी क्योंकि पहले से ही 'बाहुबली 2' काफी स्क्रीन्स लिए हुए है और उसके डिस्ट्रीब्यूटर एए फिल्म्स के विकी थडानी इस हफ्ते रिलीज हो रही फिल्म 'हिंदी मीडियम' को डिस्ट्रीब्यूट कर रहे हैं. इस कारण हाफ गर्लफ्रेंड को स्क्रीन्स की दिक्कत हो सकती है.चेतन भगत ने उपन्यास में उड़ान ली थी। चूंकि बिल गेट्स डुमरांव गए थे, इसलिए उनका नायक डुमरांव का हो गया। इस जोड़-तोड़ में वे नायक माधव को झा सरनेम देने की चूक कर गए। इस छोटी सी चूक की भरपाई में उनकी कहानी बिगड़ गई। मोहित सूरी के सहयोगियों ने भाषा, परिवेश और माहौल गढ़ने में कोताही की है। पटना शहर के चित्रण में दृश्यात्मक भूलें हैं। सेट या किसी और शहर में फिल्माए गए सीन पटना या डुमरांव से मैच ही नहीं करते। पटना में गंगा में जाकर कौन सा ब्रोकर अपार्टमेंट दिखाता है? स्टॉल पर लिट्टी लिख कर बिहार बताने और दिखाने की कोशिश में लापरवाही दिखती है। यहां तक कि रिक्शा भी किसी और शहर का है... प्रोडक्शन टीम इन छोटी बारीकियों पर ध्यान दे सकती थी।