
सुशांत ने कहा कि, ''मेरी बातों को आप ध्यान से सुनिए कि कुछ महीनों में कुछ लोगों को छोड़कर कोई भी सोशल मीडिया को संजीदगी से नहीं लेगा। खासकर उन बातों को जिनकी ट्रोलिंग होती है। इस तरह की इंजीनियर ट्रोलिंग की शुरुआत रशिया में हुई और फिर यह अमेरिका में। अब भारत में यह हो रहा है। ट्रोलिंग करने के लिए लोगों को रुपए मिलते हैं।
दूसरा आपने लोगों को एक ऐसा माध्यम दे दिया है, जो लोगों को उनकी बात रखने का अवसर देता है। हॉवर्ड में एक टेस्ट भी किया गया, जिसमें एेसा रखा गया कि सुनने वालों को 10 रूपये मिलेंगे और बोलने वालों को 5 रूपये। आप यकीन नहीं मानेंगे सुनने वालो से ज्यादा बोलने वाले थे जबकि उन्हें पैसे कम मिल रहे थे। इसका कारण यह है कि सभी चाहते है कि उनकी बात सुनी जाए। इसी तरह आपने लोगों को बोलने के लिए एक मंच दे दिया है। इसके अलावा जब आपके बारे में अच्छा बोला जाता है आप सुनते नहीं है लेकिन जैसे ही आपके बारे में बुरा बोला जाता है आप सुनने लगते हैं। इसी के चलते उन लोगों की ओर ध्यान जाता है। एक तो यह इंजीनियर ट्रोल उस पर यह ध्यानाकर्षण ट्रोल उसे मैं गंभीरता से लूं। इतना पागल मैं नहीं हो सकता।''