दुनिया में अपनी शक्ति का लोहा और देश की सुरक्षा को और ज्यादा बेहतरीन करने की दृष्टि से भारत ने एक बड़ा कदम उठाया है यह कदम उठाते हुए भारतीय वायुसेना के लिए 110 लड़ाकू विमानों के बेडे़ को हासिल करने की प्रक्रिया शुक्रवार को शुरू कर दी है। हाल के सालों में यह दुनिया की सबसे बड़ी रक्षा खरीद हो सकती है। इन विमानों के आने से वायुसेना की मारक क्षमता में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। इसके होने से और लड़ाकू विमानों के आने से वायुसेना की मारक क्षमता में बढ़ोतरी होगी,
भारतीय वायुसेना ने अरबों डॉलर की खरीद सौदे का प्रारंभिक निविदा (आरएफआई) जारी कर दी। यह पूरी प्रक्रिया सरकार की योजना ‘मेक इन इंडिया’ के तहत होगी। इस निविदा के लिए लॉकहीड मार्टिन, बोइंग, साब औत दसाल्ट जैसी कंपनियों के बीच कड़ी प्रतियोगिता होगी। अधिकारियों ने बताया कि लड़ाकू विमानों निर्माण को विदेशी विमान निर्माता फर्म भारतीय कंपनी के साथ मिलकर करेगी। इन विमानों का निर्माण हाल ही में शुरू की गई सामरिक साझेदारी मॉडल के आधार पर किया जाएगा। इस मॉडल में भारत को दुनिया की अत्याधुनिक तकनीक उपलब्ध होगी। इससे पहले एनडीए सरकार ने सितंबर 2016 में फ्रांस की सरकार के साथ 36 राफेल लड़ाकू जेट विमान खरीदने के लिए करीब 59 हजार करोड़ रुपये का सौदा किया था।